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खुल रहे है दस्तावेज तो चिढ रहे हो
सांप से ही दोस्ती पाली थी हमने
चांवल की बोरी में धंसकर मरोगे जिरह क्या करना जब सुनवाई नहीं है
बेकार में क्यों किसकी दलीले सुनोगे वक़्त होते...
रोज़ देखता हूँ आसपास तो
रोज़ देखता हूँ आसपास तो
सवालों से भरे चेहरे परेशां करते हैं
वही बेचैनी, वही नाकामयाबी और वही फितूर
इतने सारे जज़्बात भी हैरान करते हैं चलते हुए...
समर्थ व्यक्ति
समर्थ व्यक्ति वो नहीं जिसके पास अपार धन और वैभव है बल्कि समर्थ वो है जो आलोचना को स्वीकार करने का माद्दा रखता हो...
मेरा नूर जब भी मुझसे नाराज़ होता है
मेरा नूर जब भी मुझसे नाराज़ होता है,
हमेशा मैं उसे मनाऊं यही सोचता है, गलती किसी की भी नही होती उस समय शायद
बस वो और...
होश खो रहे हैं
होश खो रहे हैं हम उनको कुछ फ़िक्र नहीं है
क्या प्यार है ये, या कोई चेहरा लगा है दुख रहा है दिल उनको...
सिंहासन वही है जिसमे भगवाधारी आए हैं
जिनके कदमों ने हिम्मत की है बढ़ने की
फिर मंजिलों के निशान मिल ही जाते हैं श्रीराम और भारत माता का गीत गाते हैं
दो संत अपनी...
बिखरे पन्ने… भाग -2
दुनिया से लड़ता हूँ लेकिन, खुद के दिल को कैसे मनाऊं
बेगानी रूखी रातों में, साँसों को कैसे भरमाऊं
बहरहाल कोई सिरा जो मेरे घर से...
जब आप संकल्प लेते हैं
जब आप संकल्प लेते हैं तो आप आधी जीत तभी पूरी कर लेते हैं और बाकी का काम उस संकल्प की दिशा में काम...
प्यार में तेरे गजब हो गया
प्यार में तेरे गजब हो गया
मैं सिर्फ तेरी निगाहों में खो गया
मुझसे न पूछ हाल मेरा...