DON'T MISS
साल 2020 की सर्वश्रेष्ठ तस्वीर प्रतियोगिता का आयोजन
साल 2021 आ चुका है...यह साल हम सबके लिए कैसा होगा यह भविष्य के गर्भ में है। बस इतनी उम्मीद की जा सकती है...
दीवार-ओ-दर में तेरा निशान मिलता है
दीवार-ओ-दर में तेरा निशान मिलता है
तू खो गया कहीं, और घर सुनसान मिलता है आते हुए एक मुट्ठी दुआओं की साथ लाना
इस कस्बे में...
Food
अंधविरोध से देशविरोध तक
मैं झूठे आरोपों और बरगलाने के लिए आता हूँ
मैं खानदानी डकैतों को किसान बताता हूँ अंधविरोध के चक्कर में अपनी मर्यादा भूल जाता हूँ
पंत प्रधान...
LATEST ARTICLES
मकर संक्रांति का पर्व मेरे गाँव की छाँव में
जीवन की भी क्या विडंबना है कि काम और रोजगार के लिए आदमी को अपनी मातृभूमि या यूं कहें अपने गाँव को छोड़ना पड़ता...
ये इश्क़ भी बड़ा अजीब है
ये इश्क़ भी बड़ा अजीब है
जो दिल से दूर है उसके करीब है वो मेरे सामने अमीरी का शौक दिखाते हैं
मगर मेरी शख़्सियत तो बड़ी...
जेएनयू का जहरीला जातिवाद: ब्राह्मणों और सवर्णों का अपमान
आज का भारत जहाँ विश्व को रास्ता दिखा रहा है और नए - नए कीर्तिमान गढ़ रहा है, वहीँ देश में विद्रोही ताकतों को...
मुकम्मल भी हुआ तो क्या हुआ
मुकम्मल भी हुआ तो क्या हुआ
ये इश्क़ है अपनी नादानी कहां छोड़ता है कभी तो खयालों को बसाता है
और कभी सारे सपनो को तोड़ता है पन्ने...
गाँव: जहाँ जीवन सिर्फ बसता ही नहीं खिलखिलाता भी है
मेरी उम्र अमूमन 5 साल तो बढ़ ही गयी होगी क्योंकि छठ पूजा के अवसर पर गाँव के प्राकृतिक एवं प्रदुषणमुक्त वातावरण में लगभग...
मिलता नहीं है यारों मंज़िल का निशां
मिलता नहीं है यारों मंज़िल का निशां
कहाँ पर आसमान और ज़मीन होते हैं फुर्सत नहीं है ज़िन्दगी में, लेकिन झमेला है
वक़्त के तेवर भी बड़े...
मुझे सब कुछ पुराना याद है
अपनी यादों का क्या करें साहब
मुझे सब कुछ पुराना याद है दीवारों से उड़ती हुई धूल भी देखी
ज़मीन से उखड़ते हुए मकान भी देखे
यूं हालातों...