अपने हुनर और मेहनत की बदौलत सब कुछ पाउँगा
एक दिन अपने इरादों में ज़रूर कामयाब हो जाऊंगा
जिन्हे ग़लतफ़हमी है कि मैं नालायक हूँ
अपनी कामयाबी से मैं लायक बन जाऊंगा
ठोकर और दर्द तो ज़िन्दगी का हिस्सा है
अपने हिस्से के दर्द से खुशियां खींच लाऊंगा
कितने ही लोग मुझे गिराने को तैयार हैं
मैं उनके तानो को सीढ़ी बनाकर चढ़ जाऊंगा
अभी मैं ज़ख़्मी हूँ तो क्या हुआ यारों
अपने इरादों के मरहम से सरपट दौड़ जाऊंगा
आज जो लोग मेरी खिल्ली उड़ाते हैं
कल उन्ही की तालियों से गूँज जाऊंगा
वो कहते हैं कि तुझे बोलना नहीं आता
मैं कहता हूँ कि मैं दुनिया का शोर बन जाऊंगा
मैं एक दिन सफलता कि बुलंदी पर चढ़ जाऊंगा
और माँ के चरणों की धूल को माथे से लगाऊंगा