प्यार में तेरे गजब हो गया
मैं सिर्फ तेरी निगाहों में खो गया
मुझसे न पूछ हाल मेरा क्या
जब भी देखा दीवाना हो गया
हाय रे मुझको तू भा गई,
पत्तो में जैसे नमी छा गई
सहमे सहमे हालात थे मेरे
तुझ बिन अधूरे ख्वाब थे मेरे
जितना चाहा था कभी तुझे
आज वो सरेआम हो गया
मोहब्बत में अपना तो
बड़ा नाम हो गया
पास मेरे आ सामने रहजा
ये सब दिल की ख्वाइश थी
पर जब तू मेरे सामने आई,
चुप रहने की गुजारिश थी
होश मै अपना खो बैठा था
ऐसे थे हालात मेरे मुझ पर काबू न था
दिल के उमड़े थे जज़्बात मेरे
कितने महंगे ख्वाब थे तेरे
रोज मनाया रोज सताया ऐसा मैने प्यार किया
एक दिन भी ना गुजारा तेरे बिन ऐसा तुझको याद किया
आज के लिए बहुत हुई मुलाकात ये हमारी
बोले पंडित सबर रखो आगे भी बहुत है दास्तान मेरी
~ अभिषेक जुयाल पंडित
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