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राम मन में हैं मेरे

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Ram-Mandir

राम मन में हैं मेरे
राम जीवन हैं मेरे
राम की महिमा निराली
राम नस नस में बसे
आज मेरे राम की जन्मभूमि सज गई
कितने वर्षों सूनी थी आज जगमग लग रही
राम मंदिर की शिलाएं अब नया अध्याय है
आस्था और भक्ति का एक नया पर्याय है
दीप उत्सव आज होगा हर्ष चारों ओर होगा
भूमिपूजन का सुअवसर पल्लवित हर छोर होगा

आज सारे लोग देखें कैसी अद्भुत शान है
राम के नारे से गुंजित विश्व और ब्रह्माण्ड है
बोलते थे जो हमें, कुछ नहीं कर पाओगे
राम मंदिर दूर है बस बोलते रह जाओगे
आज वो सारे मगरमच्छ रो रहे हैं सोचकर
रामद्रोही आज देखो रामभक्ति कर रहे
झूठे मन से ही सही पर आज जम कर लग रहे
है राम की ये सारी महिमा कहां जाएं छोड़कर
आज तो हर व्यक्ति, हर कण राममय हो गया
भक्त हो या द्रोही-दुर्जन, राम में ही रम गया
भव्यता से अब तो मेरे राम का मंदिर बनेगा
मिलेगी नई ऊर्जा और देश उज्ज्वल फिर बनेगा
कितने तप के बाद देखो आज ये दिन आ गया
कितने बलिदानो से गुज़रकर राम-मंदिर आ गया

इस घड़ी को भूलना मत, देह जिनकी खप गयी
जिनके बलिदानो से रंजित जन्मभूमि रंग गयी
आज उनके सपनो का एक नया आकाश है
ऐसे ही सब काम होंगे, जब राम पर विश्वास है

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