चल उस जगह जहाँ सपनो को आकार मिले
यूँ घुटे हुए अरमानो को आवाज़ मिले
कौन घबराता है ज़िन्दगी की मुश्किलों से
हम तो चाहते हैं कोशिशों को रफ़्तार मिले
अब तो सिर्फ खुद पर भरोसा है हमको
बाकी तो सब हमें होशियार मिले
कौन कहता है कि कहीं मेरी ठौर नहीं
संघर्ष से हथेली में संसार मिले
आज़माने को तो कितने लोग हैं पास में
साथ चलने को सिर्फ एक दो यार मिले
जो वक़्त से जी चुराता है उनका हश्र भी देखा
वो लोग किसी अँधेरी गली में बर्बाद मिले
मंद है अक्ल तो तालीम से बढ़ाओ
हुनर को इरादों से परवाज़ मिले
जिरह होती है मेरी मुश्किलों से रोज़
इनसे ही ज़िन्दगी के तज़ुर्बे तैयार मिले
आबोदाना कौन नहीं चाहता है मेरे दोस्त
पर नहीं मिले तो बसंती बयार मिले
जिस मुकाम पर मैंने सोचा की लडूंगा
उसी मोड़ पर हौसले आज़ाद मिले
बेसुरी तान ने ज़िन्दगी का रिदम बिगाड़ा
सुरमई साथ से कई साज़ मिले