पुराने दिनों में जहाँ यादें बसती हैं,
जहां अतीत की फुसफुसाहट हमेशा के लिए सरक जाती है,
और समय के गलियारों के माध्यम से एक कोमल हवा, मेरे मानस पर छा जाती है
तभी एक विचलित और मीठे से विषाद का स्पर्श
मेरे मन को झिंझोड़ कर मुझे उदास कर देता हैं, ओह कैसा सुन्दर अनुभव है ये!
बीते दिनों के इन पवित्र पलों के भीतर,
लम्हों का एक टेप रिकॉर्डर प्राचीन संगीत सुनाता है और यादें जलती हैं,
कभी हँसी की गूँज, और आँसू हम बहाते हैं,
हमने सभी संवेदनाओं का मिश्रण किया और वो हमारे पूरे चित्त में फ़ैल गया
लकड़ी के चरमराते फ़र्श वाला बचपन का घर,
बंद दरवाज़ों से निकलते सूक्ष्म प्रकाश की चमक,
गरमाती आग, कड़कड़ाती जाड़े की ठिठुरन,
और अलाव हर अंगार जगमगाता है, तो वो एक पल वहीँ ठहर जाता है।
ओह! मधुर विषाद, तुम हमें कैसे आकर्षित करते हो,
बीते दिनों तक, जहाँ मासूमियत की चर्चा होती थी,
और हमने जो दोस्त बनाए, उनके चेहरे सुनहरी स्मृतियों का भाव देती हैं,
ग्रीष्म सूर्यास्त, नारंगी और लाल रंग की किरणों से धरती को निहारते थे
गोधूलि के रूप में छुपे रहस्य उपर हवा के कणों में घुल जाते थे,
स्मरण करता हूँ दोस्तों की हँसी, जब हम खेलते और घूमते थे,
वे क्षणभंगुर घंटे, कितनी तेजी से उड़े हैं।
गीली क्यारियां वास्तव में सौंधी सुगंध लाती थी
और हमारे रोम रोम नए रुधिर का संचार कर देती थी,
ब्रह्ममुहूर्त की अवधि में जो मुखमण्डल में चमक होती थी
उसके तेज से पूरे शरीर में स्फूर्ति जग जाती थी
गौ माता के चरणों की पदचाप,
प्यारी लाली बकरी का मिमियाना,
बैलों के गले में जो घंटियों का संगीत,
दादी नानी की अनकही कहानियां,
हमारे स्कूल की प्रार्थनाओं का गीत,
सदा के लिए हृदय में बसते है,
प्रत्येक पल एक स्मृति है, जो विषाद लाता है।
फिर भी, जब हम जीवन की बदलती रेत से यात्रा करते हैं,
पुरानी यादों का आलिंगन हमें अपने साथ ले जाता है ,
याद दिलाने के लिए, बीते दिनों को संजोने के लिए,
और दर्द की गहराइयों में सुकून ढूंढने के लिए।
मैं अपने बचपन और अल्हडपन के दिनों को याद करता हूँ ,
जब जीवन सरल और लापरवाह था,
जहाँ मैं खेतों की मिटटी में खेलता था,
बैलों को हल लगाते देखता था,
तितलियों का पीछा करता था
और रात में जुगनुओं की रौशनी को निहारता था
तब मैं शहर घूमने के सपने देखा करता था
जो अब लगता है की नकली था
उस समय मैं निर्दोष और निडर था,
दुनिया की किसी चिंता या परवाह के बिना,
मैं अपने दोस्तों के साथ खेलने में घंटों बिताता।
वो दिन थे जब कहानियाँ बनाना और तब तक हँसना
जब तक कि दिलों को चोट न लगे हमारा रोज़ का काम था।
वह दुनिया एक जादुई जगह थी।
मैं उस समय में वापस जाने के लिए कुछ भी दूंगा,
और शुद्ध आनंद के उन पलों को फिर से जीना चाहता हूँ।
लेकिन मुझे पता है कि ऐसा नहीं हो सकता,
इसलिए मैं उन यादों को संजो कर रखूंगा जो मेरे पास हैं।
और मैं हमेशा अपने बचपन को देखूंगा,
स्नेह और विषाद के साथ क्योंकि हमारी यादों के पर्दे में
हमें जीवन के रहस्यों का सामना करने की शक्ति मिलती है,
जो बीत गए उन लम्हों को थामे रखूंगा
और इस मधुर विषाद के स्पर्श को हमेशा रहने दूंगा।